हरियाणा

जानिए किस वजह से मैडिकल छात्रों ने सचिवालय में किया जोरदार प्रदर्शन

सत्यखबर झज्जर (कुमार सन्नी) – पिछले कई दिनों से मैडिकल कॉलेज में जरूरी सुविधाएं मुहैया न कराए जाने को लेकर प्रबन्धन के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे वल्र्ड कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने झज्जर लघु सचिवालय पहुंच कर कॉलेज प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के आंदोलनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने भी भाग लिया। छात्रों के प्रदर्शन के दौरान विशेष बात यह देखने को मिली कि मामले की गंभीरता को भांपकर जिला प्रशासन ने बुधवार को कॉलेज के चेयरमैन व मैनेजमैंट के अन्य पदाधिकारियों को भी बुलाया हुआ था। लेकिन प्रशासन ने आंदोलनरत छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के साथ कॉलेज प्रबन्धन को आमने-सामने बैठाकर काउंसलिंग भी नहीं कराई। पहले उपायुक्त संजय जून ने संस्थान के चेयरमैन नरेन्द्र चौधरी व डायरेक्टर नित्यानंद को कार्यालय में बातचीत की और उनके चले जाने के बाद छात्रों को कार्यालय में बुलाकर उनकी बात सुनी।

उपायुक्त ने आंदोलनरत छात्रों को इतना ही आश्वासन दिया कि वह मामले की जांच करने के बाद रिर्पोट सरकार के पास भेज देंगे। सरकार द्वारा जो आदेश दिए जाएगें उसके बाद भी कोई कार्यवाहीं की जा सकेगी। बाद में मीडिया के रूबरू हुए संस्थान के चेयरमैन नरेन्द्र चौधरी ने कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा दिए जा रहे धरने को असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि सुनियोजित साजिश के तहत ही कॉलेज प्रबन्घन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है,जबकि संस्थान ने मैडिकल परिसर में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई हुई है। लेकिन कई छात्रों की फीस बकाया है और वह इस आंदोलन की आड़ में अपनी बकाया फीस ही नहीं भरना चाहते। कई छात्र कॉलेज परिसर में शराब भी पीते हुए पकड़े गए है,लेकिन जब प्रबन्धन ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने कॉलेज प्रबन्धन के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। उधर छात्रों के साथ प्रदर्शन में शामिल कई छात्रों के अभिभावकों ने कॉलेज प्रबन्धन पर नियमों की पालना न करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि नियम पूरे न होने की वजह से एमसीआई ने इस कॉलेज को परमिशन नहीं दी है। जिसकी वजह से कॉलेज में नया बैच भी नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रबन्धन उनके बच्चों पर शराब पीने का आरोप लगा रहा है। जबकि हम चाहते है कि यदि ऐसा था तो कॉलेज प्रबन्धन को उनका मैडिकल कराना चाहिए था। कॉलेज प्रबन्धन अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए ही इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। झज्जर के ही गांव लाड़पुर से आए एक बुजुर्ग ने मीडिया के सामने कहा कि उन्होंने अपनी खेती की जमीन बेचकर अपने पोते को कॉलेज में भारी-भरकम फीस अदा कर दाखिला दिलाया था। लेकिन कॉलेज के जो हालात है उससे यहीं लगता है कि जमीन भी चली गई और पोते का भविष्य भी खराब हो गया। उधर धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं का कॉलेज प्रबन्धन के खिलाफ धरना व आमरण अनशन बुधवार को भी जारी रहा। छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी सुनवाई नहीं हो जाती तब तक उनका धरना यूं ही जारी रहेगा।

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